Thursday 29 March 2018

सपा बसपा की डूबती नैया को दिखा सहारा, अगर सफल हुआ यह फॉर्मूला तो बीजेपी की होगी बड़ी हार!


2019 के लोकसभा चुनाव भले ही अभी दूर हों, लेकिन चुनाव को लेकर खेमेबंदी शुरू हो गयी है। इसी खेमेबंदी के तहत बसपा सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को अहसास हो चुका है कि बीजेपी को सत्ता से बेदखल करना तो नए वजूद को तलाशना होगा। इसी नई तलाश में जो फॉर्मूला इजात किया गया है उसके मुताबिक अगर साइकिल, हाथी और शंख एक हो जाए तो कोई सामने नहीं टिक सकेगा।


यहां साइकिल और हाथी से मतलब समाजवादी पार्टी एवं बहुजन समाज पार्टी है। जो कि पहले से ही एक हो चुके हैं। इसके बाद अगला कदम शंख की ओर है। शंख का मतलब ब्राह्मणों से है। चूंकि दोनों ही दलों के नेता समझ चुकें हैं कि यदि यादव, दलित और ब्राह्मण एक साथ आ जाए तो सत्ता प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं होगी।
समाजवादी खेमे का मानना है कि ब्राह्मण समुदाय बीजेपी से कहीं न कहीं नाराज चल रहा है। जिसका कारण प्रचण्ड बहुमत के बाद भी बीजेपी के ओर से बनाए गये मुख्यमंत्री का ब्राह्मण न होना है। जिसके बाद समाजवादी खेमे को लग रहा है कि बीजेपी के सवर्ण वोटबैंक में सेंध लगानी है तो ब्राह्मणों की नाराजगी का लाभ उठाते हुए उन्हें अपनी ओर मिलाया जा सकता है।


क्या कहते हैं आंकड़े
बताते चलें कि यूपी में इस समय विधानसभा के कुल 400 सदस्यों में 67 ब्राह्मण विधायक हैं। इनमें से 58 विधायक बीजेपी के पास है। जाहिर तौर पर अगर कोई भी खेमा ब्राह्मणों को लुभाने में सफल रहता है तो उसका सीधा प्रभाव बीजेपी पर ही पड़ेगा। 

Tuesday 27 March 2018

खाप पंचायतों को सुप्रीम कोर्ट का आदेश, कहा - प्यार पर पहरा बर्दाश्त नहीं


Lucknow. लगातार सुनाए जा रहे तालिबानी फरमानों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अख्तियार करते हुए खाप पंचायतों को फटकार लगाई है। मंगलवार को कोर्ट ने दो बालिगों की रजामंदी के बाद हो रही शादी में खाप पंचायतों का किसी भी प्रकार के दखल को पूरी तरह से अवैध करार दिया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर औऱ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने खाप पंचायतों को निर्देश जारी करते हुए कपल्स की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन्स जारी की। इसी के साथ कोर्ट में यह भी साफ कर दिया कि यह गाइडलाइन्स तब तक जारी रहेंगी जब तक इस पर कोई कानून न बन जाए।



आपको बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट में शक्ति वाहिनी नाम की एऩजीओ ने खाप पंचायतों के खिलाफ याचिका दायर की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर से केन्द्र औऱ राज्य सरकारों को ऑनर किलिंग के मामलों पर रोक लगाने के लिए दिशा निर्देश जारी किये गये है। कोर्ट ने इससे पहले भी सुनवाई के दौरान कहा था कि अगर दो बालिग शादी करने का फैसला करते हैं तो उसमें कोई भी दखल नहीं दे सकता है। कोई समाज, कोई पंचायत, या कोई व्यक्ति उन की शादी पर सवाल नहीं उठा सकता है।



Wednesday 21 March 2018

खत्म नहीं हो रही बीजेपी की मुश्किले, मोदी मैजिक को बरकरार दिखाने के लिए जरूरी है यह जीत


यूपी उपचुनाव में हुई हार और राज्यसभा चुनाव से पहले सहयोगी दलों द्वारा खड़ी की जा रही समस्याओं से इतर बीजेपी के लिए एक और चुनौती बेसब्री से इंतजार कर रही है। यह चुनौती उन पांच लोकसभा की सीटों से संबंधित है जहां हाल ही में उपचुनाव होने हैं। 

गौरतलब है कि लोकसभा में बीजेपी के सदस्यों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। 2014 के चुनाव के बाद बीजेपी के पास लोकसभा में 282 सदस्य थे। लेकिन फिलहाल सदस्यों की संख्या महज 274 पर सिमटकर रह गयी है। बताते चलें कि यह संख्या मैजिक फीगर में महज 2 ही ज्यादा है। फिर यदि पांच सीटों पर होने वाले उपचुनाव में गणित बिगड़ता है तो बीजेपी बहुमत के लिए सहयोगी दलों पर निर्भर हो जाएगी। 

जिन पांच सीटों पर यह उपचुनाव होना है उसमें यूपी की कैराना लोकसभा सीट, महाराष्ट्र की पालघर और भंडारा गोदिया, जम्मू कश्मीर की अनंतनाग, नागालैंड की सीट शामिल है। यूपी की दो सीटों पर हुए उपचुनाव के बाद जहां एक ओर कैराना सीट को लेकर संशय बरकरार है। वहीं महाराष्ट्र की दो सीटें भी भाजपा के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। एक ओर जहां कांग्रेस लगातार शरद पवार के साथ गठबंधन के प्रयासों में लगी हुई है। वहीं दूसरी ओर शिवसेना भी भाजपा विरोधी स्वर प्रखर किये हुए है। इसी के साथ जम्मू कश्मीर की सीट महबूबा मुफ्ती के मुख्यमंत्री बनने और नागालैंड की सीट नेफ्यू रियो के मुख्यमंत्री बनने के बाद खाली हुई थी। 

सीटों पर जीत के साथ ही भाजपा के सामने बड़ी चुनौती यह भी है कि वह विपक्षी दलों के सामने मोदी मैजिक को कम होता हुआ नहीं दिखाना चाहते है। जबकि विपक्ष किसी भी तरह इन सीटों  पर जीत हासिल कर जनता को यह संदेश देने का प्रयास करेगा कि देशभर में बीजेपी विरोधी लहर दौड़ रही है। इसी के साथ इन सीटों पर विपक्ष की जीत के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं के मनोबल पर भी गहरा असर पड़ेगा। 

Sunday 4 March 2018

अमित शाह के तंज पर कांग्रेस नेता का पलटवार, राहुल गांधी से...


Lucknow. कांग्रेस को पूर्वोत्तर में मिली करारी हार के बाद विपक्षी दलों की ओर से राहुल गांधी की अनुपस्थिति पर जमकर आलोचना की जा रही हैं। मतगणना के दिन भी अनुपस्थित रहने पर बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने राहुल गांधी पर जमकर चुटकी ली। 


चुनावी परिणामों के सामने आने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा कि, मुझे नहीं पता, वो एक व्हाट्सऐप पर मैसेज आया है कि इटली में चुनाव है. बताते चलें कि अमित शाह से पहले बीजेपी नेता गिरिराज सिंह औऱ मीनाक्षी लेखी भी राहुल गांधी पर जमकर तंज कस चुकी हैं। जिसके बाद कांग्रेसी नेता कमलनाथ ने तंज का जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी की वजह से बीजेपी नर्वस है। बाकि राहुल लगातार हमारे संपर्क में हैं। इसके साथ ही कमलनाथ ने कहा कि राहुल गांधी 3 दिनों के लिए अपनी नानी से मिलने गये हैं। जो कि 93 वर्षीय हैं। 

बीजेपी नेताओं की ओर से ली जा रही चुटकी पर नाराजगी जताते हुए कमलनाथ ने कहा कि आज के जमाने में उन्हें(राहुल गांधी) को हर जगह उपस्थित रहने की आवश्यकता नहीं है। 

पीएम मोदी ने तोड़ दिया इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड


होली के अगले दिन ही सामने आए चुनावी परिणामों ने भारतीय जनता पार्टी के उत्साह में खासा वृर्द्धि कर दी है। त्रिपुरा में बीजेपी की ऐतिहासिक सफलता के पीछे पीएम मोदी के दमदार चुनावी अभियान और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की चुनावी रणनीति को प्रमुख रूप से जिम्मेदार माना जा रहा है। इसी जीत के साथ ही प्रधानमंत्री अपने नाम एक और रिकॉर्ड करने में कामयाब हो चुके हैं। 

खबरों की मानें तो जब से पीएम मोदी प्रधानमंत्री बने हैं तब से अब तक चार सालों में हुए कुल 21 चुनावों में बीजेपी ने 14 राज्यों में जीत हासिल की है। जीत का यह आंकड़ा खुद में ही अकथनीय है। लेकिन अगर पूर्व के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इससे पहले इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए 4 साल में 19 चुनाव हुए थे। जिनमें कांग्रेस 13 राज्यों में चुनावी जीत हासिल करने में सफल रही थी। 

प्रधानमंत्री द्वारा लिये गये कई कठोर फैसलों के बावजूद मोदी लहर में चार सालों में कोई भी गिरावट दर्ज नहीं की गयी है। हालांकि गुजरात, राजस्थान औऱ मध्य प्रदेश से सामने आए चुनाव परिणामों के बाद मोदी लहर के फीका होने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन त्रिपुरा से सामने आए चुनावी परिणामों में बीजेपी ने शून्य से सत्ता के सफर तक पहुंच कर काफी हद तक यह साफ कर दिया है कि चुनावी सफलता के आधार पर पीएम मोदी सबसे ताकतवर राजनेता है। 

गुलजार हुई विवेक के घर की गलियां, आखिर एक दिन पहले कहां थे सभी?

राजधानी में शुक्रवार देर रात एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। देर रात तकरीबन 1.30 बजे घटित हुई इस घ...