Wednesday 28 February 2018

अगर नहीं रखा इन 7 बातों का ध्यान तो, खतरनाक हो सकती है आपकी HOLI


त्योहारों के दौरान थोड़ी सी भी लापरवाही आपके लिए घातक साबित हो सकती है। रंगो के त्योहार होली में लोग तमाम तरह की सतर्कता बरतते है लेकिन फिर भी अनजाने में या जल्दबाजी में कई बार वह ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिनका खामियाजा उन्हें आगे चलकर भुगतना पड़ता है। 

जहां एक ओर होली का त्योहार नजदीक आता है वहीं बाजार में रौनक भी दोगुनी रफ्तार पकड़ने लगती है। इसी चकचौंध में घातक रसायनों का व्यापार भी पूरे जोरों पर होता है। बताते चलें कि रासायनिक रंगों में लेड ऑक्साइड, मरकरी सल्फाइड, एल्युमिनियम ब्रोमाइड और कॉपर सल्फेट जैसे घातक रसायन पाए जाते हैं। जो एलर्जी और तमाम तरह की परेशानियां पैदा करते हैं। 



कौन से रसायन पैदा करते है एलर्जी और कैसे करें बचाव


- होली खेलने के दौरान सिंथेटिक रंगों से बचकर रहें। इनमें लेड ऑक्साइड, कॉपर सल्फेड आदि भयानक कैमिकल पाए जाते हैं। जो एलर्जी और त्वचा में खुजली जैसी समस्याओं को जन्म देने के साथ अंधा तक बना देते हैं। इन कुप्रभावों से बचने के लिए रंगों की जगह हिना, हल्दी पाउडर, चंदन औऱ फूलों की पंखुड़ियों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।



- होली के दिन रंग खेलने से पूर्व शरीर पर नारियल का तेल या सरसों का तेल लगा लेना चाहिए। जिससे रंग त्वचा पर न चिपके। 

- होली में ज्यादा समय तक भीगे रहने के बाद त्वचा में घाव लगने और छिलने के चांस बढ़ जाते हैं। इस तरह की स्थिति से मुखातिब होने पर रंग खेलना बंद कर कटे हुए स्थान पर एंटीसेप्टिक का इस्तेमाल करना चाहिए। 



- रासायनिक रंगों के साथ ही होली पर गुब्बारों से भी बचकर रहना चाहिए। अक्सर यह आंखों में लगकर खासा नुकसान पहुंचाते है। जिससे आंखों की रौशनी तक जा सकती है। 

Monday 26 February 2018

महिलाओं को लेकर सामने आए यह आंकड़े, कहीं न कहीं खड़े करते है सरकार की तमाम नीतियों पर सवाल


महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रहे अपराधों के बाद गृह मंत्रालय की ओर से आई रिपोर्ट ने चौकाने वाला खुलासा किया है। सामने आई रिपोर्ट के अनुसार जहां एक ओर लगातार महिलाओं के खिलाफ अपराध में तेजी से वृद्धि हो रही है वहीं पुलिस में महिलाओं की उपस्थिति महज 7.28 फीसदी ही है। जबकि नक्सल प्रभावित क्षेत्र तेलंगाना में तो यह सबसे कम सिर्फ 2.47 फीसदी है। 

सरकार की ओर से जारी किये गये आंकड़ो में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों में बढ़ोत्तरी को साफ तौर पर देखा जा सकता है। जहां वर्ष 2015 में महिलाओं के विरुद्ध 3,29,243 मामले सामने आए वहीं 2016 में अपराधों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी और यह आंकड़ा बढ़कर 3,38,954 पहुंच गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से 2009, 2012 और 2016 में पत्र लिखकर महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में वृद्धि कर इनकी संख्या 33 फीसदी तक किये जाने की मांग की थी। लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी यह आंकड़ा 7.28 फीसदी तक ही पहुंच सका है। 

सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी महिलाओं की पुलिस बल में उपस्थिति का आंकड़ा संतोषजनक नहीं है। बताते चलें कि यूपी में पुलिसबल में महज 3.81 फीसदी ही महिलाएं है। उनकी स्वीकृत संख्या 3,65,000 है। यूपी से इतर केन्द्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या सर्वाधिक पाई गयी और वहां तकरीबन यह संख्या 85000 है। आंकड़ों की बात की जाए तो वहां 8.64 फीसदी महिलाएं पुलिस बल में तैनात है।

Thursday 22 February 2018

इस गांव के लोगों ने 150 साल से नहीं मनाई होली, कारण जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान


रंगों के त्योहार होली का नाम जहन में आते ही लोगों के अंतर्मन में एक अलग सा उत्साह आ जाता है। लेकिन हरियाणा के कैय़ल के गुहला चीका स्थित गांव दुसेरपुर के लोग 150 सालों से इस त्योहार के आनंद से अनभिज्ञ हैं। गांव के लोगों द्वारा होली न मनाए जाने के पीछे का कारण बाबा द्वारा दिया गया श्राप है। 

लोगों के अनुसार तकरीबन 150 साल पहले एक ठिगने कद के बाबा का मजाक होली के दिन कुछ लोगों द्वारा उठाया गया।  जिससे नाराज बाबा ने होली दहन के मौके पर ही खुद को जिंदा दफन कर लिया। लेकिन मरने के पहले उन्होंने पूरे गांव को श्रापित कर दिया। श्राप के मुताबिक गांव में जो भी व्यक्ति होली का पर्व मनाएगा उसके परिवार का नाश हो जाएगा। जब गांव वालों ने बाबा की मान मुनव्वल की तो उन्होंने उससे मुक्त होने का तरीका बताया। 

बाबा ने बताया कि जब गांव में होली के दिन गाय के बछड़े या महिला के लड़के का जन्म होगा उसके बाद गांव श्राप से मुक्त हो जाएगा और उसके बाद पूरा गांव होली मना सकेगा। लेकिन संयोगवश 150 साल बीत जाने के बाद भी गांव में किसी बछड़े का लड़के का जन्म होली के दिन न हो सका। इसके विपरीत जिस किसी ने भी श्राप की अनदेखी करते हुए होली मनाने का प्रयास किया उसे नुकसान का सामना करना पड़ा। जिसके चलते इतना समय व्यतीत होने के बाद भी लोग होली नहीं मना पा रहे। 

Tuesday 20 February 2018

नाराज बहन जी ने जिस कारण काट दिया था महिला नेत्री का टिकट, उससे सबको करना होगा परहेज


अक्सर अपने सख्त लहजे के चलते चर्चाओं में रहने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर कार्यकर्ताओं के लिए नया फरमान जारी कर दिया है। जारी किये गये फरमान में बसपा सुप्रीमो ने कार्यकर्ताओं को साफ हिदायत दी है कि वह उनके पैर न छुएं। पैर न छूने की हिदायत रैलियों में लगने वाली भीड़ के चलते दी गयी है।



गौरतलब है कि बसपा सुप्रीमो मायावती पहले भी कार्यकर्ताओं द्वारा की जाने वाली चरण बंदगी से परहेज करती आई हैं। इसी कड़ी में जब यूपी के अतरौली विधानसभा सीट से उम्मीदवार संगीता चौधरी ने बसपा सुप्रीमो के पैर छूते हुए तस्वीरों को फेसबुक पर साधा किया था तो उनका टिकट काट दिया गया था। इसके बाद एक बार फिर बसपा सुप्रीमो कार्यकर्ताओं को पैर न छूने की हिदायत देते हुए जय भीम कहने की सलाह दी है। 

बसपा सुप्रीमो द्वारा लिये गये इस फैसले के बाद कार्यकर्ताओं का मानना है कि मायावती के इस फैसले से बाबा साहेब के विचार आगे बढ़ेंगे। इसके साथ ही रैलियों में पैर छूने के कारण लगने वाली भीड़ की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा। 

Thursday 15 February 2018

अध्यक्ष बनने के बाद से हुए कई बदलाव, चर्चा का विषय बने राहुल


राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने के बाद भले ही कांग्रेस हुए चुनावों में जीत हासिल न कर पाई हो लेकिन जो आंकड़े देखने को मिले वह वास्तविक तौर पर लोगों की नजरों में अस्तित्व खो रही कांग्रेस पार्टी के लिए चौकाने वाले हैं। राहुल गांधी के व्यक्तित्व में अचानक हो रहे बदलावों को लेकर उनकी छवि दिन प्रतिदिन निखरती जा रही है। कांग्रेस समर्थक हो या विरोधी लेकिन सभी राहुल गांधी की परिपक्व राजनीति को लेकर चर्चा कर रहे हैं। राहुल गांधी की कुछ ऐसी बाते जो उनके व्यक्तित्व में लगातार निखार ला रही है।


संयम और मर्यादित बयान


राहुल गांधी अध्यक्ष बनने के बाद से लगातार जिस तरह से संयम बनाए हुए हैं वह काबिल ए तारीफ है। गुजरात चुनावों के दौरान की ही बात की जाए तो राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला तो बोला लेकिन वह हमेशा व्यक्तिगत प्रहार से गुरेज करते रहें।


आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी 


अध्यक्ष पद संभालने के बाद से ही राहुल गांधी के आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। इसी के साथ ही वह कठोर निर्णय लेने वाले राजनेता के तौर पर भी लोगों के दिलों में अपनी पकड़ बनाते जा रहे हैं। लोगों के दिलों में पकड़ मजबूत करने के साथ ही राहुल ने प्रतिद्वन्दियों से लड़ने की क्षमता में बढ़ोत्तरी की है।


गुलजार हुई विवेक के घर की गलियां, आखिर एक दिन पहले कहां थे सभी?

राजधानी में शुक्रवार देर रात एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। देर रात तकरीबन 1.30 बजे घटित हुई इस घ...