Sunday 22 April 2018
Thursday 5 April 2018
#BlackBuckPoachingCase : सलमान की शिकायत करने वाले बिश्नोई समाज के लिए खास क्यों है काला हिरण
Lucknow. बॉलीवुड के सुपर स्टार सलमान खान को तकरीबन 20 सालों बाद जोधपुर की अदालत से दोषी करार दे दिया गया है। हालांकि इस मामले में कोर्ट ने अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है। इस मामले में सलमान के साथ सैफ अली खान, सोनाली बेन्द्रे, तब्बू और नीलम को बरी कर दिया है। इस मामले में सलमान खान की शिकायत बिश्नोई समाज की ओर से की गयी थी। जिसके बाद उन्होंने 20 सालों तक इंसाफ की लड़ाई लड़ी।
आपको बताते चलें कि बिश्नोई समाज की ओर से अक्टूबर 1998 में शिकायत दर्ज करवाने के बाद पुलिस और वन विभाग के अधिकारी हरकत में आए थे। समुदाय के लोगों का कहना था कि सलमान सहित बाकी सितारों ने हम साथ साथ हैं फिल्म की शूटिंग के दौरान भागोदा की धानी के पास दो काले हिरणों का शिकार किया था। शिकायतकर्ता के अनुसार जब लोगों को इस बारे में पता चला तो सभी सितारे जानवरों को छोड़कर फरार हो गये।
क्यों बिश्नोई समाज ने की मामले की शिकायत
बिश्नोई समाज इकलौता ऐसा समाज है जिसका एकमात्र उद्देश्य प्रकृति की रक्षा करना होता है। तकरीबन 500 साल पुराने इस धर्म में 10 लाख से ज्यादा अनुयायी हैं। इसकी स्थापना भगवान जंबेश्वर ने की थी जिन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।
कहा जाता है कि जंबेश्वर ने सात साल की उम्र तक एक भी शब्द नहीं बोला। जिसके बाद उनके पिता जी ने अजीबो गरीब व्यवहार को देख पंडित बुलवाया। उस दौरान पुजारी ने 64 दिये जलाने का उपाय बताया। काफी प्रयासों के बावजूद जब दिये नहीं जले तो जंबेश्वर ने कुए के पानी से दिये जलाए।
काला हिरण ही क्यों अहम
विश्नोई समाज के लोग प्रकृति से जुड़ी सभी चीजों को पवित्र मानते हैं। इसलिए वह गांव में मौजूद पेड़-पौधे, जंगली जीव, काला हिरण, चिंकारा, पक्षी सभी की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। इन सभी की रक्षा के लिए विश्नोई समाज के लोग कोई भी सीमा पार करने को तैयार रहते हैं।
जानवरों की रक्षा के लिए जान तक गवां देते हैं बिश्नोई
बिश्नोई शिकारियों का मुकाबला लाठियों से करते हैं। वह हमेशा शिकारी को पकड़ फॉरेस्ट अथॉरिटी को दे देते हैं। आंकड़ो के अनुसार 20 सालों में तकरीबन 14 बिश्नोई जनवरों की रक्षा करते हुए जान गवां चुके हैं। आप बिश्नोई समाज की महिलाओं द्वारा चिंकारा और काले हिरणों को अपना दूध पिलाते भी देख सकते हैं।
Sunday 1 April 2018
आसार पर खरी उतरी कांग्रेस तो BJP के लिए होगी मुश्किल
Lucknow. कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए 17 अप्रैल को नामांकन और 12 मई को मतदान होना है। नामांकन और मतदान से पूर्व ही सामने आ रहे प्री पोल कहीं न कहीं यह इशारा कर रहे हैं कि एक बार फिर कांग्रेस अपना किला बचाने में कामयाब हो सकती है। सी फोर एजेंसी के सर्वे के अनुसार विधानसभा की कुल 224 सीटो में कांग्रेस को 109-120 सीटें मिलने की उम्मीद है। जबकि बीजेपी को 40 से 60 सीटें मिलती हुई दिख रही है।
सामने आए प्री पोल सर्वे के मुताबिक कांग्रेस बहुमत के आंकड़े 113 के आस पास ही दिख रही है। जिसके चलते चुनाव से पहले ही समर्थकों में खासा उत्साह है। अगर कर्नाटक चुनावों में कांग्रेस पार्टी जीत दर्ज करने में सफल होती है तो इससे कहीं न कहीं पार्टी को चौतरफा फायदे होने के आसार हैं। राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद कर्नाटक ही वह पहला राज्य होगा जहां उनके नेतृत्व में कांग्रेस परचम फहराने में सफल होगी। जाहिर तौर पर इससे पार्टी का मनोबल और राजनीति में राहुल का कद बढ़ेगा।
आपको बताते चलें कि इसी साल के अंत तक मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी चुनाव होने हैं। अगर पार्टी कर्नाटक में जीत दर्ज कर लेती है तो वह अन्य राज्यों में भी प्रचार के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने की स्थिति में आ जाएगी। इन चुनावों में जीत के साथ कहीं न कहीं पार्टी यह संदेश देने में भी सफल हो जाएगी कि वह मोदी और शाह के विजय अभियान को रोकने में सक्षम हो गयी है।
अगर जीत जाती है बीजेपी तो क्या होगा बदलाव
भले ही प्री पोल कांग्रेस के पक्ष में जाते हुए दिख रहे हों। लेकिन चुनाव से पहले बनने और बिगड़ने वाले समीकरणों का सही मायनों में मूल्यांकन तो मतगणना के दौरान ही होता है। फिलहाल अगर कर्नाटक चुनावों में भारतीय जनता पार्टी जीत जाती है तो कहीं न कहीं उपचुनावों में मिली हार का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा। हालांकि उपचुनावों में मिली हार का बदला तो पहले ही राज्यसभा चुनाव के परिणाम दे चुके हैं। फिर अगर कर्नाटक विजय होती है तो भाजपा यह साबित करने में सफल हो जाएगी कि विपक्षी दलों की एकजुटता के इतर उसका पलड़ा भारी है।
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