Lucknow. अपराध नियन्त्रण के अहम दावे को लेकर यूपी की सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार के शासनकाल में निरंकुश पुलिसकर्मियों पर नियन्त्रण कैसे लगे यह सोचनीय विषय बना हुआ है। 19 मार्च 2017 को यूपी की सत्ता की सबसे ऊंची कुर्सी पर महंत योगी आदित्यनाथ के आसीन होने के बाद प्रदेश की आवाम को यह लगने लगा माने रामराज्य की स्थापना हो गयी है। शुरूआती दिनों की बात की जाए तो जनता का यह स्वप्न परवान चढ़ता गया। आपको बताते चले कि यह वही दौर था जब पूर्व सत्ताधारी पार्टी की जीत के बाद थाने के दरोगा और इंस्पेक्टर तक की टोपी को बंदूक की नाल पर उछाल दिया जाता था। इसके बाद सत्ता पक्ष के कार्यकर्ताओं द्वारा थाने में घुसकर पुलिसकर्मियों को हड़काना और मिनटों में उनका तबादला करवाना तो उन दिनों आम बात ही हो चली थी।
हाल ही में यूपी के इलाहाबाद में पुलिसवालों की गुंडागर्दी का वीडियो सीसीटीवी में कैद हुआ। जहां के तेलियरगंज इलाके एक कार सर्विस सेंटर के अंदर हुए विवाद में पुलिस हेड क्वार्टर इलाहाबाद में तैनात एक सिपाही ने पिस्टल से युवक पर गोली चला दी। लेकिन किसी तरह युवक बचा गया।
डीजे पर डांस के दौरान लगा पैर तो मार दी गोली
दूसरा मामला यूपी के फिरोजाबाद जनपद के अरावं का है। जहां डीजे पर डांस के दौरान पैर लगने से एक सिपाही ने 12 वर्षीय मानव को गोली मार दी। इसके बाद आरोपी सिपाही बच्चे का शव लेकर फरार हो गया। आरोपी सिपाही महेंद्र फर्रूखाबाद में ही तैनात है।घटना के बाद बच्चे के बिलखते परिजन |
पुलिस चौकी में मामूली विवाद में HCP की हत्या
फतेहपुर में अप्रैल 2018 में ही पुलिस चौकी के अंदर हुए मामूली विवाद के बाद हेड कॉन्स्टेबल की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। विजयीपुर चौकी में ही तैनात इंचार्ज लक्ष्मीकांत सिंह सेंगर ने डेढ़ साल से तैनात हेड कॉन्स्टेबल दुर्गेश कुमार तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी।चौकी के अंदर हेड कॉन्स्टेबल को मारी गोली |
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